यूपीपीएससी आरओ/एआरओ 2025: 6 लाख ने छोड़ी परीक्षा, प्रारंभिक विश्लेषण, कटऑफ और मेन्स की रणनीति

छह लाख अभयर्थियो ने छोड़ी   परीक्षा

परिचय

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने 27 जुलाई 2025 को उत्तर प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की। यह परीक्षा 411 रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें 10.76 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था। हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से केवल 42% उम्मीदवार ही परीक्षा में शामिल हुए, जिसका अर्थ है कि लगभग 6 लाख से अधिक उम्मीदवार अनुपस्थित रहे। यह लेख यूपीपीएससी आरओ/एआरओ 2025 प्रारंभिक परीक्षा जिसमें अपेक्षित कटऑफ, प्रमुख अवलोकन और मेन्स की तैयारी के लिए एक रणनीतिक मार्गदर्शिका शामिल है। यह लेख उन उम्मीदवारों के लिए तैयार किया गया है जो सटीक जानकारी और प्रभावी तैयारी रणनीति की तलाश में हैं।

यूपीपीएससी आरओ/एआरओ 2025 प्रारंभिक परीक्षा: प्रमुख अवलोकन

इस वर्ष की आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा कई मायनों में खास रही। कम उपस्थिति और अपेक्षाकृत सरल प्रश्न पत्र ने इसे एक अनूठा अवसर बनाया। निम्नलिखित हैं कुछ प्रमुख बिंदु:

1. कम उपस्थिति: 6 लाख से अधिक अनुपस्थित

10.76 लाख पंजीकृत उम्मीदवारों में से केवल 4.51 लाख (42%) उम्मीदवार ही 27 जुलाई 2025 को आयोजित परीक्षा में शामिल हुए। इसका मतलब है कि 58% उम्मीदवार, यानी लगभग 6.24 लाख, ने परीक्षा छोड़ दी। कम उपस्थिति के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

  • भौगोलिक दूरी: कई उम्मीदवारों के लिए परीक्षा केंद्र तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण रहा।

  • वित्तीय बाधाएं: आर्थिक समस्याओं ने कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल होने से रोका।

  • पिछले अनुभव: 2024 में पेपर लीक के कारण रद्द हुई परीक्षा ने कुछ उम्मीदवारों का विश्वास कम किया हो सकता है।

  • अन्य कारण: अपर्याप्त तैयारी या व्यक्तिगत कारणों ने भी उपस्थिति को प्रभावित किया।

इस कम उपस्थिति ने प्रतिस्पर्धा को काफी हद तक कम कर दिया, जिससे उपस्थित उम्मीदवारों के लिए मेन्स में क्वालिफाई करने की संभावना बढ़ गई। यूपीपीएससी आरओ/एआरओ 2025: 6 लाख ने छोड़ी प्रारंभिक परीक्षा

2. प्रश्न पत्र की सरलता

पिछले वर्षों की तुलना में 2025 का प्रश्न पत्र अपेक्षाकृत आसान था। विशेष रूप से इतिहास जैसे विषयों में, जहां पहले जटिल और विश्लेषणात्मक प्रश्न पूछे जाते थे, इस बार अधिकांश प्रश्न सरल और तथ्यात्मक थे। कई प्रश्न एक-पंक्ति वाले थे, जिसने नियमित तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को अधिक अंक प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया। इस सरलता को आयोग द्वारा एक “उपहार” के रूप में देखा जा रहा है, और विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसा आसान प्रश्न पत्र शायद ही दोबारा आए।

3. परीक्षा संरचना और पैटर्न

परीक्षा एक ही पाली में सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 बजे तक आयोजित की गई, जो पहली बार एक सत्र में हुई। इसमें दो खंड शामिल थे:

  • सामान्य अध्ययन (जीएस): 140 प्रश्न, 140 अंक

  • सामान्य हिंदी: 60 प्रश्न, 60 अंक

कुल 200 प्रश्नों के लिए 180 मिनट का समय दिया गया, जिसमें प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.33 अंक की नकारात्मक अंकन प्रणाली लागू थी। परीक्षा का कुल समय 120 मिनट था, प्रश्न करेंट अफेयर्स, इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थशास्त्र और हिंदी भाषा प्रवीणता पर आधारित थे। यूपीपीएससी आरओ/एआरओ 2025: 6 लाख ने छोड़ी प्रारंभिक परीक्षा

अपेक्षित कटऑफ: श्रेणी-वार अनुमान

 

उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया और विशेषज्ञ विश्लेषण के आधार पर, 2025 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए श्रेणी-वार अपेक्षित कटऑफ निम्नलिखित है:

  • सामान्य वर्ग: 130–140 (±5 अंक)

  • ओबीसी वर्ग: 130–140 (±5 अंक)

  • ईडब्ल्यूएस वर्ग: 135–140 (±5 अंक)

  • एससी वर्ग: 110–115 (±5 अंक)

  • एसटी वर्ग: 100–110 (±5 अंक)

  • महिला उम्मीदवार: 115–120 (±5 अंक)

4. सख्त सुरक्षा व्यवस्था

परीक्षा में नकल और अनुचित साधनों को रोकने के लिए सख्त उपाय किए गए। इनमें शामिल थे: यूपीपीएससी आरओ/एआरओ 2025: 6 लाख ने छोड़ी प्रारंभिक परीक्षा

  • एआई तकनीक और फेस रिकग्निशन: उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए।

  • सीसीटीवी निगरानी: सभी 2,382 परीक्षा केंद्रों पर निगरानी।

  • सख्त दिशानिर्देश: गहने, ब्रेसलेट, या अनधिकृत सामग्री पर प्रतिबंध।

  • बायोमेट्रिक सत्यापन: प्रवेश के समय बायोमेट्रिक जांच।

कुछ केंद्रों पर मारपीट की घटनाएं भी सामने आईं, जो सख्त नियमों और तनाव के कारण हो सकती हैं।

ये अनुमान प्रश्न पत्र की सरलता, कम उपस्थिति और पिछले वर्षों के कटऑफ रुझानों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कटऑफ 150 अंकों से अधिक नहीं होगी, क्योंकि कम उपस्थिति ने प्रतिस्पर्धा को काफी हद तक कम कर दिया है।

अपेक्षित कटऑफ: श्रेणी-वार अनुमान

विशेषज्ञ विश्लेषण और उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया के आधार पर, 2025 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अपेक्षित कटऑफ निम्नलिखित है:

  • सामान्य वर्ग: 130–140 (±5 अंक)

  • ओबीसी वर्ग: 130–140 (±5 अंक)

  • ईडब्ल्यूएस वर्ग: 135–140 (±5 अंक)

  • एससी वर्ग: 110–115 (±5 अंक)

  • एसटी वर्ग: 100–110 (±5 अंक)

  • महिला उम्मीदवार: 115–120 (±5 अंक)

ये अनुमान पेपर की मध्यम कठिनाई, कम उपस्थिति, और पिछले वर्षों के कटऑफ (जैसे 2013 में सामान्य वर्ग के लिए 142) को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। कम उपस्थिति के कारण कटऑफ के 150 अंकों से अधिक होने की संभावना कम है। यूपीपीएससी आरओ/एआरओ 2025: 6 लाख ने छोड़ी प्रारंभिक परीक्षा

यह परीक्षा क्यों थी महत्वपूर्ण?

2025 की आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा ने कई कारणों से उम्मीदवारों के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान किया:

  • कम प्रतिस्पर्धा: 6 लाख से अधिक उम्मीदवारों की अनुपस्थिति ने प्रतिस्पर्धा को काफी कम कर दिया।

  • उच्च चयन अनुपात: 411 पदों के लिए लगभग 6,500 उम्मीदवार (411 × 15) मेन्स के लिए चुने जाएंगे।

  • सरल प्रश्न पत्र: मध्यम स्तर के पेपर ने अच्छी तरह से तैयार उम्मीदवारों को उच्च स्कोर करने का मौका दिया।

जिन उम्मीदवारों ने इस अवसर का लाभ उठाया, उनके लिए मेन्स में क्वालिफाई करने की संभावना अब अधिक है। हालांकि, जो उम्मीदवार अनुपस्थित रहे, उन्हें इस आसान पेपर का लाभ न मिलने का पछतावा हो सकता है क्योंकि ऐसा आसान प्रश्न पत्र दोबारा मिलना मुश्किल है।।

यूपीपीएससी आरओ/एआरओ मेन्स की तैयारी: रणनीतिक मार्गदर्शिका

प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम जल्द ही घोषित होने की उम्मीद है, और जिन उम्मीदवारों ने अनुमानित कटऑफ से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें तुरंत मेन्स की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। मेन्स परीक्षा, जो संभवतः नवंबर 2025 में होगी, अधिक जटिल और गहन होगी। निम्नलिखित है एक विस्तृत तैयारी रणनीति:

1. मेन्स परीक्षा संरचना

मेन्स परीक्षा में तीन पेपर शामिल हैं:

  • सामान्य अध्ययन (जीएस): 120 अंक

  • सामान्य हिंदी और प्रारूपण: 160 अंक

  • हिंदी निबंध: 120 अंक

कुल: 400 अंक

मेन्स परीक्षा में विश्लेषणात्मक और लेखन कौशल का परीक्षण होता है, जिसमें हिंदी भाषा में प्रवीणता और प्रशासनिक ज्ञान पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यूपीपीएससी आरओ/एआरओ 2025: 6 लाख ने छोड़ी प्रारंभिक परीक्षा

2. प्रमुख तैयारी क्षेत्र

a. सामान्य अध्ययन (जीएस)

  • करेंट अफेयर्स: पिछले 8–10 महीनों की घटनाओं पर ध्यान दें। सरकारी योजनाएं, आर्थिक विकास, अंतरराष्ट्रीय संबंध और उत्तर प्रदेश से संबंधित समाचार प्रमुख क्षेत्र हैं।

  • इतिहास: आधुनिक भारतीय इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम और उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक घटनाओं पर जोर दें। तथ्यात्मक और विश्लेषणात्मक प्रश्नों का अभ्यास करें।

  • भूगोल: भौतिक, मानव और आर्थिक भूगोल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के भूगोल पर ध्यान दें।

  • राजव्यवस्था: भारतीय संविधान, शासन संरचनाएं और हाल के संशोधनों का अध्ययन करें।

  • अर्थशास्त्र: बुनियादी आर्थिक अवधारणाएं, बजट की मुख्य विशेषताएं और उत्तर प्रदेश की आर्थिक नीतियां समझें।

b. सामान्य हिंदी और प्रारूपण

  • व्याकरण और शब्दावली: हिंदी व्याकरण, स्वर प्रयोग, वाक्य संरचना और प्रशासनिक शब्दावली में महारत हासिल करें।

  • पत्र लेखन: औपचारिक पत्र, जैसे सरकारी और आर्थिक पत्र, लिखने का अभ्यास करें।

  • पठन बोध और अनुवाद: पैसेज को समझने और अंग्रेजी से हिंदी में सटीक अनुवाद करने की क्षमता को मजबूत करें।

  • प्रशासनिक शब्दावली: सरकारी पत्रों और प्रारूपण में उपयोग होने वाली शब्दावली का अध्ययन करें।

c. हिंदी निबंध

  • निबंध खंड में तीन निबंध लिखने होते हैं, जो व्याकरणिक त्रुटियों से मुक्त होने चाहिए। सामाजिक मुद्दों, शासन, आर्थिक विकास और उत्तर प्रदेश से संबंधित विषयों पर ध्यान दें।

  • निबंध को परिचय, मुख्य भाग और निष्कर्ष के साथ संरचित करने का अभ्यास करें। तर्कों को मजबूत करने के लिए डेटा और उदाहरणों का उपयोग करें।

3. समय प्रबंधन

मेन्स परीक्षा के लिए लगभग 3–4 महीने का समय शेष है। एक प्रभावी दैनिक अध्ययन कार्यक्रम बनाएं:

  • 4–5 घंटे जीएस के लिए: प्रतिदिन एक प्रमुख विषय को कवर करें, जिसे करेंट अफेयर्स के साथ पूरक करें।

  • 2–3 घंटे हिंदी के लिए: व्याकरण, पत्र लेखन और निबंध का अभ्यास करें।

  • 1–2 घंटे रिवीजन के लिए: प्रमुख अवधारणाओं को दोहराएं और मॉक टेस्ट दें।

4. तैयारी के संसाधन

  • पुस्तकें: जीएस के लिए एनसीईआरटी, त्वरित रिवीजन के लिए ल्यूसेंट, और हिंदी के लिए अरिहंत या सामान्य हिंदी की किताबें उपयोग करें।

  • समाचार पत्र और पत्रिकाएं: द हिंदू, दैनिक जागरण, योजना, और कुरुक्षेत्र जैसे संसाधनों से करेंट अफेयर्स को कवर करें।

  • मॉक टेस्ट: नियमित मॉक टेस्ट दें ताकि समय प्रबंधन और कमजोर क्षेत्रों की पहचान हो सके।

  • ऑनलाइन संसाधन: विश्वसनीय ऑनलाइन पोर्टल्स और टेलीग्राम ग्रुप्स से अपडेट और अध्ययन सामग्री प्राप्त करें।

5. करेंट अफेयर्स की रणनीति

  • पिछले 8–10 महीनों की करेंट अफेयर्स को प्राथमिकता दें। उत्तर प्रदेश से संबंधित समाचार, जैसे सरकारी योजनाएं, सांस्कृतिक आयोजन और आर्थिक नीतियां, पर विशेष ध्यान दें।

  • मासिक करेंट अफेयर्स पत्रिकाओं और ऑनलाइन पोर्टल्स का उपयोग करें।

भविष्य की रिक्तियां: 2025-26 की तैयारी

2025-26 के लिए नई आरओ/एआरओ रिक्तियों की घोषणा जल्द ही होने की संभावना है, जिसका नोटिफिकेशन दिसंबर 2025 तक आ सकता है। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और प्रारंभिक और मेन्स दोनों की तैयारी एक साथ शुरू करें। शुरुआत से तैयारी करने के लिए ऑनलाइन कोर्स और कोचिंग प्रोग्राम्स में शामिल होना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

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यूपीपीएससी पीसीएस 2025 की तैयारी

यूपीपीएससी की एक अन्य महत्वपूर्ण परीक्षा, पीसीएस प्रारंभिक, 12 अक्टूबर 2025 को होने वाली है। इसके लिए भी उम्मीदवारों को नियमित अभ्यास और संरचित अध्ययन की आवश्यकता होगी। सभी प्रकार के प्रश्न पत्रों (आसान, मध्यम, या कठिन) के लिए तैयार रहने के लिए मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का उपयोग करें।

निष्कर्ष

यूपीपीएससी आरओ/एआरओ 2025 प्रारंभिक परीक्षा ने कम उपस्थिति और सरल प्रश्न पत्र के कारण उम्मीदवारों के लिए एक दुर्लभ अवसर प्रदान किया। जिन उम्मीदवारों ने इस परीक्षा में भाग लिया और अनुमानित कटऑफ के आसपास या उससे अधिक अंक प्राप्त किए, उन्हें बिना समय बर्बाद किए मेन्स की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। एक संरचित दृष्टिकोण, जिसमें जीएस, हिंदी, निबंध और करेंट अफेयर्स पर ध्यान दिया जाए, सफलता की कुंजी है। विश्वसनीय संसाधनों, नियमित अभ्यास और समय प्रबंधन के साथ, उम्मीदवार इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

शुभकामनाएं! मेन्स की तैयारी शुरू करें और अपने सपनों को साकार करें!

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