प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना को 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर लॉन्च किया गया था और यह 2027-28 तक लागू रहेगी। यह योजना 18 विभिन्न पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों को कम ब्याज दर पर ऋण, कौशल प्रशिक्षण, और उपकरण खरीदने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है। 24 जून 2025 तक, इस योजना ने 29.94 लाख से अधिक कारीगरों को लाभ पहुँचाया है, जो इसे एक प्रभावी सामाजिक कल्याण योजना बनाता है। इस लेख में हम पीएम विश्वकर्मा योजना के सभी पहलुओं, लाभों, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझेंगे। पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक ऐसी केंद्रीय योजना है, जिसके तहत भारत सरकार पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता, कौशल विकास और बाजार से जोड़ने की सुविधा प्रदान करती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कारीगरों को विश्वकर्मा के रूप में मान्यता देना और उनके उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच को बढ़ाना है। योजना के तहत सरकार ने 13,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे 30 लाख से अधिक कारीगरों को लाभ पहुँचाने का लक्ष्य है।
यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के कारीगरों को समर्पित है और विशेष रूप से उन समुदायों पर ध्यान देती है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जैसे अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), दिव्यांगजन, ट्रांसजेंडर, और पूर्वोत्तर राज्यों, द्वीपों, और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोग। पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
पीएम विश्वकर्मा योजना के उद्देश्य
पीएम विश्वकर्मा योजना के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य हैं:
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आर्थिक सशक्तिकरण: कारीगरों और शिल्पकारों को कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान कर उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना।
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कौशल विकास: पारंपरिक और आधुनिक कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से कारीगरों की कार्यक्षमता में सुधार करना।
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बाजार से जोड़ना: डिजिटल सशक्तिकरण, ब्रांड प्रचार और बाजार लिंकेज के जरिए कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँच प्रदान करना।
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आधुनिक उपकरण: उपकरण खरीदने के लिए प्रोत्साहन राशि (15,000 रुपये तक) प्रदान करना।
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डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा: डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति लेनदेन 1 रुपये का प्रोत्साहन देना।
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पारंपरिक व्यवसायों का संरक्षण: गुरु-शिष्य परंपरा को मजबूत करना और पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करना।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ
इस योजना के तहत कारीगरों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:
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पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड: प्रत्येक लाभार्थी को डिजिटल और भौतिक रूप में एक प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड दिया जाता है, जो उन्हें योजना के तहत सभी लाभों के लिए पात्र बनाता है।
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कौशल उन्नयन: बेसिक (5-7 दिन) और एडवांस्ड (15 दिन या अधिक) प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कारीगरों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रति दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाता है।
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टूलकिट प्रोत्साहन: कौशल मूल्यांकन के बाद लाभार्थियों को 15,000 रुपये तक का ई-वाउचर दिया जाता है, जिससे वे आधुनिक उपकरण खरीद सकते हैं।
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ऋण सुविधा:
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पहली किस्त: 1 लाख रुपये तक का ऋण, 18 महीनों में चुकाने योग्य।
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दूसरी किस्त: 2 लाख रुपये तक का ऋण, 30 महीनों में चुकाने योग्य।
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दोनों किस्तों पर केवल 5% वार्षिक ब्याज दर लागू होती है।
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डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: प्रत्येक डिजिटल लेनदेन पर 1 रुपये का प्रोत्साहन।
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विपणन सहायता: कारीगरों को राष्ट्रीय ब्रांड बनाने और खरीददारों से जोड़ने में मदद।
पीएम विश्वकर्मा योजना में शामिल 18 व्यवसाय
योजना के तहत निम्नलिखित 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है: पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
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बढ़ई (सुतार)
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नाव निर्माता
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कवचकार
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लुहार
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हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
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ताला निर्माता
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सुनार
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कुम्हार
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मूर्तिकार/पत्थर तोड़ने वाला
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चर्मकार/जूता निर्माता
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मिस्त्री (चिनाई)
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टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता
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गुड़िया और खिलौना निर्माता
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नाई
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माला बनाने वाला
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धोबी
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दर्जी
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मछली जाल निर्माता
पात्रता मानदंड
पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे:
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आवेदक हाथ और औजारों से काम करने वाला कारीगर या शिल्पकार होना चाहिए।
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पारंपरिक व्यवसायों में परिवार-आधारित कार्य में संलग्न होना चाहिए।
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असंगठित क्षेत्र में स्वरोजगार के आधार पर कार्यरत होना चाहिए।
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पंजीकरण के समय न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
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संबंधित व्यापार में कार्यरत होना चाहिए।
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पिछले 5 वर्षों में पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि, या मुद्रा योजना का लाभ नहीं लिया होना चाहिए।
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केंद्र या राज्य सरकार की समान क्रेडिट-आधारित योजनाओं के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिए।
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योजना का लाभ परिवार के केवल एक सदस्य (पति, पत्नी, या अविवाहित बच्चे) को मिलेगा।
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सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति या उनके परिवार के सदस्य इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
आवश्यक दस्तावेज
योजना के लिए आवेदन करने हेतु निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य हैं:
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आधार कार्ड
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मोबाइल नंबर
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बैंक खाता विवरण
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राशन कार्ड
अतिरिक्त दस्तावेज (यदि आवश्यक हो):
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जाति प्रमाण पत्र
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आय प्रमाण पत्र
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निवास प्रमाण पत्र
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शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र
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कौशल प्रमाण पत्र
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व्यवसाय प्रमाण पत्र
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है। आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी होती है:
1. मोबाइल और आधार वेरिफिकेशन
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आवेदक को अपने मोबाइल नंबर और आधार कार्ड के माध्यम से सत्यापन करना होगा।
2. कारीगर पंजीकरण
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आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से पंजीकरण करना होगा।
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पंजीकरण के दौरान व्यक्तिगत और व्यवसाय से संबंधित जानकारी प्रदान करनी होगी।
3. पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र
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सत्यापन के बाद लाभार्थी को डिजिटल और भौतिक रूप में पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्रदान किया जाएगा।
4. ऋण के लिए आवेदन
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प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद, लाभार्थी ऋण के लिए आवेदन कर सकता है। यह प्रक्रिया भी CSC या बैंक के माध्यम से पूरी की जा सकती है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
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आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
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होमपेज पर “How to Register” लिंक पर क्लिक करें।
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“Artisan” टैब पर क्लिक करें।
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पंजीकरण प्रक्रिया से संबंधित दिशानिर्देशों वाली PDF डाउनलोड करें।
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CSC केंद्र पर जाकर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें।
ऑफलाइन आवेदन
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यदि आप ऑनलाइन प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं, तो नजदीकी CSC केंद्र या ग्राम पंचायत पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
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CSC केंद्र पर सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करें और पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करें।
विश्वकर्मा योजना की प्रगति (24 जून 2025 तक)
योजना की प्रगति निम्नलिखित है:
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आवेदन प्राप्त: 2,71,08,393
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प्रथम चरण सत्यापन (ग्राम पंचायत/ULB): 1,67,30,964
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द्वितीय चरण सत्यापन (जिला कार्यान्वयन समिति): 75,24,986
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तृतीय चरण सत्यापन (स्क्रीनिंग समिति): 30,17,765
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पंजीकृत लाभार्थी: 29,94,141
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि योजना ने देश भर में व्यापक स्तर पर कारीगरों तक पहुँच बनाई है।
राज्य-वार पंजीकरण
कर्नाटक में सबसे अधिक 5,67,379 पंजीकरण हुए हैं, इसके बाद महाराष्ट्र (2,74,678), मध्य प्रदेश (2,71,534), और राजस्थान (2,49,300) का स्थान है। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में सबसे कम पंजीकरण (प्रत्येक में 1) दर्ज किए गए हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
व्यवसाय-वार पंजीकरण
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मिस्त्री (राजमिस्त्री): 4,55,666
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बढ़ई: 4,30,861
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दर्जी: 4,01,472
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सुनार: 86,087
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कुम्हार: 1,09,721
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धोबी: 1,52,346
विश्वकर्मा योजना की अंतिम तिथि
योजना के लिए आवेदन की कोई निश्चित अंतिम तिथि तय नहीं की गई है। इच्छुक आवेदक 31 मार्च 2028 (वित्तीय वर्ष 2027-28) तक आवेदन कर सकते हैं।
संपर्क और हेल्पलाइन नंबर
योजना से संबंधित किसी भी जानकारी या शिकायत के लिए निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें:
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टोल-फ्री नंबर: 1800 267 7777, 17923
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ईमेल: champions[at]gov[dot]in
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फोन: 011-23061574
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आधिकारिक वेबसाइट: pmvishwakarma.gov.in
राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों की जानकारी के लिए वेबसाइट पर Contact Us लिंक देखें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि उनके कौशल को निखारने और बाजार तक पहुँच प्रदान करने में भी मदद करती है। यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य उपरोक्त 18 व्यवसायों में से किसी में कार्यरत है, तो इस योजना का लाभ उठाने के लिए तुरंत अपने नजदीकी CSC केंद्र पर संपर्क करें। यह योजना न केवल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और शिल्प परंपराओं को भी संरक्षित करती है।